hindisamay head


अ+ अ-

कविता

आदमी और किताबें

प्रयाग शुक्ल


इंतजार करते हैं आदमी
कोई पढ़े उनको !
लिखते हैं किताबें आदमी।
करती हैं किताबें इंतजार
पढ़े जाने का।


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में प्रयाग शुक्ल की रचनाएँ