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कविता

इतना जीवन

प्रयाग शुक्ल


हँसती हुई लड़की में
दौड़ते हुए लड़के में।
फूलों में, घास में
झुर्रियों में।
धूप में। चाँदनी में।

लहरों में, करवटों में -
हवा की।
बादलों में।
उछालों में
पर्वतों की।

दहाड़ में समुद्र की।
गलियों में। पाँत में पेड़ों की।
स्त्रियों की आँखों में।
पाँखों में चिड़ियों की।

जीवन। जीवन।
इतना जीवन।


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