जन्म : 1923
एक मंत्री स्वर्गलोक में, गुलेल, कलंकरेखा, फर्जी से पैदा भयो, आखरमार, रावण तुम बाहर आओ
व्यंग्यश्री
हिंदी समय में शंकर पुणतांबेकर की रचनाएँ