परिचय
जन्म : 5 अगस्त 1905, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
भाषा : उर्दू, अंग्रेजीविधाएँ : कहानी, नाटक, निबंध मुख्य कृतियाँ
कहानी - नाटक संग्रह : औरत और दूसरे अफसाने व ड्रामे, शोअला-ए-जव्वाला, वो और दूसरे अफसाने व ड्रामे
सम्मान
निधन
29 जुलाई 1952, मॉस्को
विशेष
रशीद जहाँ उर्दू की अत्यंत प्रखर और प्रगतिशील लेखिका तथा रंगकर्मी थीं। उनके बारे में लिखते हुए इस्मत चुगताई कहती हैं, ‘जिंदगी के उस दौर में मुझे एक तूफानी हस्ती से मिलने का मौका मिला, जिसके वजूद ने मुझे हिला कर रख दिया। ... मिट्टी से बनी रशीदा आपा ने संगेमरमर के सारे बुत मुनहदिम (ध्वस्त) कर दिए थे।... आगर वो मेरी कहानियों की हीरोइनियों से मिलें तो दोनों जुड़वाँ बहिनें नजर आएँ, क्योंकि अनजाने तौर पर मैंने रशीदा आपा को ही उठा कर अफसानों के ताकचों पर बिठा दिया है, क्योंकि मेरे तसव्वुर की दुनिया की होरोइन सिर्फ वही हो सकती थीं।...’ रशीद के साहसिक लेखन की नोटिस पहली बार तब ली गई जब आठ लोगों की कहानियों और नाटकों का संग्रह ‘अंगारे’ 1932 में प्रकाशित हुआ। इस संकलन के प्रकाशित होते ही तूफान आ गया, क्योंकि इसकी कहानियों और नाटकों में तत्कालीन समाज में प्रचलित मुस्सिम कट्टरपंथ तथा यौन नैतिकता को गहरी चुनौती दी गई थी। जल्द ही यह ब्रिटिश शासन द्वारा प्रतिबंधित भी हो गई। रशीद जहाँ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और प्रगतिशील लेखक संघ की सक्रिय कार्यकर्ता थीं।